Jan 17, 2025

By: Medha Chawla

सद्गुरु के अनुसार क्या है कुंभ मेले का महत्व, क्‍यों खास है ये धार्मिक महा आयोजन

महाकुंभ मेला

वर्ष 2025 में लगा महाकुंभ मेला धार्मिक दृष्टिकोण से बेहद महत्व रखता है, ज्योतिष गणनाओं के अनुसार कुंभ मेले का ये समय अत्यंत ही शुभ है।

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सद्गुरु

सद्गुरु एक आत्मज्ञानी, योगी, दिव्यदर्शी, कवि, लेखक, प्रसिद्ध वक्ता और विशेष साधक है जो कि जीवन और मृत्यु से परे हैं।

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कुंभ है खास

सद्गुरु के अनुसार 144 वर्ष बाद सौरमंडल में कुछ विशिष्ट घटनाएं होती हैं जिसकी वजह से महाकुंभ मेले का आयोजन होता है।

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धार्मिक महत्व

ऐसी मान्यता है कि प्राचीन गुरुओं और योगियों पृथ्वी पर कुछ ऐसे पवित्र स्थान निर्धारित किए थे जहां पर कुंभ जैसे पुण्य अनुष्ठान हो सके।

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देवताओं का संगम

प्रयागराज के संगम पर लगने वाला कुंभ मेला स्वर्ग के देवी-देवताओं को भी आकर्षित करता है।

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संगम की महत्ता

गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती नदी के संगम की महत्ता का वर्णन रामायण और महाभारत जैसे ग्रंथों में भी मिलता है।

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भारत के दर्शन

सद्गुरु के अनुसार यदि आप कुंभ मेले में जाते हैं तो आपको असल भारतीय संस्कृति और सभ्यता के दर्शन होते हैं।

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स्नान का महत्व

संगम के पावन जल में स्नान करने मात्र से ही मनुष्य पाप और पुण्य के बंधनों से मुक्त हो जाता है। कुंभ स्नान से उसे मोक्ष की प्राप्ति होती है।

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नोट

इस लेख में दी गई जानकारी मान्यताओं पर आधारित है। timesnowhindi.com इसकी सटीकता या विश्वसनीयता की पुष्टि नहीं करता है।

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