Nov 8, 2022
साल 2022 का दूसरा और आखिरी चंद्र ग्रहण (Lunar Eclipse) 8 नवंबर, 2022 को लग रहा है। शाम 5.32 मिनट से चंद्रग्रहण शुरू होगा।
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वैसे तो चंद्रग्रहण खगोलीय घटना है मगर इसको ग्रहण काल और सूतक आदि को लेकर इसका धार्मिक महत्व भी है। ये सवाल आता है कि आखिर चंद्रग्रहण कैसे घटित होता है।
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चंद्रग्रहण उस खगोलीय स्थिति को कहते है जब चंद्रमा पृथ्वी के ठीक पीछे उसकी प्रच्छाया में आ जाता है।
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ऐसा तभी हो सकता है जब सूर्य, पृथ्वी और चन्द्रमा इस क्रम में लगभग एक सीधी रेखा में अवस्थित हों। इस ज्यामितीय प्रतिबंध के कारण चंद्रग्रहण केवल पूर्णिमा को घटित हो सकता है।
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चंद्रग्रहण का प्रकार एवं अवधि चंद्र आसंधियों के सापेक्ष चंद्रमा की स्थिति पर निर्भर करते हैं। चांद के इस रूप को 'ब्लड मून' भी कहा जाता है।
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चंद्र ग्रहण शुरू होने के बाद ये पहले काले और फिर धीरे-धीरे सुर्ख लाल रंग में तब्दील होता है।
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चंद्रग्रहण को पृथ्वी के रात्रि पक्ष के किसी भी भाग से देखा जा सकता है।
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जहां चंद्रमा की छाया की लघुता के कारण सूर्यग्रहण किसी भी स्थान से केवल कुछ मिनटों तक ही दिखता है, वहीं चंद्रग्रहण की अवधि कुछ घंटों की होती है।
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चंद्रग्रहण को आंखों के लिए बिना किसी विशेष सुरक्षा के देखा जा सकता है, क्योंकि चंद्रग्रहण की उज्ज्वलता पूर्ण चंद्र से भी कम होती है।
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