Nov 24, 2022
By: लवीना शर्माइंडोनेशिया के टोराजा संप्रदाय के लोग ऐसा मानते हैं कि मौत जीवन का अंत नहीं है और जो मर गया वो भी जिंदा है। इसलिए ये लोग मुर्दों को एक जिंदा शख्स की तरह ही मानते हैं साथ ही उनके साथ रखते हैं।
यहां मरे लोगों को साथ ही नहीं रखा जाता बल्कि उनका खास ख्याल भी रखा जाता है और लोग उन्हें खाना भी खिलाते हैं। मुर्दों को साथ रखने की इस परंपरा को लाखों लोग मानते हैं।
ये लोग अपने परिवार के मृत लोगों को कपड़े पहनाकर रखते हैं, उन्हें नहलाते हैं और अच्छे से तैयार भी करते हैं।
इस संप्रदाय में जब भी किसी की मृत्यु होती है तो उसे दफनाने की जगह पर एक भैंस की बलि दी जाती है। यहां ऐसी मान्यता है कि जितने ज्यादा जानवरों की बलि दी जाए उतना ही मृत व्यक्ति की आत्मा के लिए अच्छा होता है।
यहां मृत्यु को एक उत्सव की तरह लोग मनाते हैं। भैंसों की बलि के बाद मुर्दों को दफनाने का काम किया जाता है। यहां मरे हुए व्यक्ति को पैतृक दुर्ग में खाने के सामान के साथ रखते हैं।
मृत व्यक्ति के शरीर को फॉर्मल्डहाइड और पानी के घोल से कई वर्षों तक सुरक्षित रखा जाता है।
यहां लोग हर साल अगस्त महीने में मृत व्यक्ति की कब्र को खोलते हैं, उन्हें साफ करके नए कपड़े पहनाकर फिर दफन कर देते हैं।
इस क्षेत्र में परिवार का मुखिया जब मर जाता है तो उसके शव को लोग लंबे समय तक सुरक्षित रखते हैं और ये मानते हैं कि वो अभी जिंदा हैं।
यहां मृत हुए शख्स का अंतिम संस्कार कई सालों बाद किया जाता है। तब तक परिवार के लोग उस मृतक को एक बीमार व्यक्ति की तरह मानते हैं उसके लिए रोज खाना लाया जाता है। पानी रखा जाता है।
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