Dec 18, 2022
एक दुआ कई दवाओं से ज्यादा असर करती है। इन शब्दों से मुश्किल वक्त में कई बार लोगों को ढांढस मिलता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि ये वाकई सच है।
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दरअसल प्रार्थना का नाता आपके अवचेतन मस्तिष्क से है। उदाहरण के तौर पर आप यदि किसी से मिलते हैं तो तुरंत उससे एक कनेक्शन लगता है।
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अवचेतन मस्तिष्क के कारण ही लाइफ में कई चीजें आपको अपनी तरफ खींचती है।
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यदि आप खराब स्वास्थय से जूझ रहे हैं लेकिन, जब आप प्रार्थना करते हैं तो कल्पना में खुद को स्वस्थय देखते हैं।
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आपको अपनी कल्पना को रोकना बिल्कुल भी नहीं चाहिए बल्कि खुद को इसी तरह से देखने की आदत डालनी चाहिए।
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आपकी जिंदगी में कुछ भी चीज तब तक सच्चाई नहीं बनती है जब तक आप उसे स्वीकार करते हैं।
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कई बार लोग जब प्रार्थना करते हैं तो खुद के लिए निगेटिव और दूसरों के लिए अच्छा सोचते हैं।
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उदाहरण के तौर पर एक मां भगवान से प्रार्थना करती है कि वह उसकी आंखें ले लें लेकिन, उसके बेटे को आंखों की रोशनी दे दें।
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आप ये बात हमेशा ध्यान रखें कि जिन भगवान से आप प्रार्थना करते हैं उन्होंने भी अपनी जिंदगी में कई कष्ट झेले हैं। ऐसे में आप ये उम्मीद न करें कि जीवन में कष्ट कभी नहीं आएंगे।
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