Jul 3, 2024
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भगवान कृष्ण को पता था कि अगर बर्बरीक ने युद्ध लड़ा तो पांडवों की हार होगी, इसलिए उन्होंने उससे शीश दान में मांग लिया।
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बर्बरीक भीम के पुत्र घटोत्कच के पुत्र थे। उनको ही आज पूरी दुनिया खाटू श्याम के नाम से पूजती है।
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बर्बरीक के तरकश में तीन ही तीर पर वो तीनों ही तीर पूरे महाभारत का युद्ध चुटकियों में खत्म करने की ताकत रखते थे।
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बर्बरीक जिस तरफ से भी लड़ेंगे। दूसरे पक्ष की हार तय है। उन्होंने अपनी मां से वादा किया था जो हार रहा होगा वो उसका साथ देंगे।
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श्रीकृष्ण ने बर्बरीक को एक वरदान दिया कि कलयुग में लोग उसे कृष्ण के अवतार के रूप में पूजेंगे।
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आज के समय में बर्बरीक को खाटू श्याम के नाम से पूजा जाता है। इनका मंदिर राजस्थान के खाटू में विराजमान है।
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