Nov 11, 2022
शनि साढ़े साती शनि की साढ़े 7 साल तक चलने वाली महादशा को कहते हैं। जो हर व्यक्ति के जीवन में कभी न कभी आती है।
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शनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं। पहला चरण जिसे उदय चरण कहते हैं दूसरा चरण जिसे शिखर चरण कहते हैं और तीसरा चरण जिसे अस्त चरण कहते हैं।
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यह शनि साढ़े साती का आरम्भिक दौर होता है। आम तौर पर ये चरण आर्थिक हानि, छुपे हुए शत्रुओं से नुकसान, विवाद और निर्धनता को दर्शाता है। 2023 में मीन वालों पर ये चरण रहेगा।
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ये शनि साढ़े साती का चरम है। प्रायः ये दौर सबसे मुश्किल होता है। इस समय व्यक्ति को स्वास्थ्य-संबंधी समस्या, रिश्तों में दरार, मानसिक अशान्ति और दुःख मिलता है। 2023 में कुंभ वालों पर ये चरण शुरू होने जा रहा है।
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ये शनि साढ़े साती का अन्तिम चरण है। ये चरण व्यक्तिगत और वित्तीय मोर्चे पर कठिनाइयों को इंगित करता है। 2023 में मकर वालों पर ये चरण रहेगा।
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17 जनवरी 2023 में शनि जैसे ही कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे वैसे ही इस राशि वालों पर शनि साढ़े साती के सबसे कष्टदायी चरण की शुरुआत हो जाएगी।
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ऐसा बिल्कुल भी नहीं है। जिन लोगों की कुंडली में शनि मजबूत स्थिति में होंगे उन्हें इस चरण में भरपूर लाभ मिलेगा। ऐसे में आप अपनी कुंडली जरूर चेक कराएं।
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शनि देव की हर शनिवार विधि विधान पूजा करें। जरूरतमंदों की सहायता जरूर करें। शनिवार के दिन शनि संबंधित चीजों का दान करें। शनि चालीसा और हनुमान चालीसा जरूर पढ़ें।
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शनि को मजबूत करने के लिए आप ज्योतिषीय सलाह से नीलम रत्न भी धारण कर सकते हैं। इससे आपको जरूर लाभ मिलेगा।
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