Nov 12, 2022
By: लवीना शर्माशनि साढ़े साती के तीन चरण होते हैं और हर चरण की अवधि ढाई साल की होती है।
शनि साढ़े साती का दूसरा चरण सबसे कष्टदायी होता है। जिसे शिखर चरण कहा जाता है। इस समय शनि साढ़े साती अपने चरम पर होती है।
शनि साढ़े साती का पहला चरण कुंभ वालों पर चल रहा है। इस चरण में आर्थिक हानि और शत्रुओं से नुकसान होने का खतरा रहता है।
मकर जातकों पर शनि साढे साती का दूसरा चरण चल रहा है। ये चरण सबसे ज्यादा कष्ट देने वाला माना जाता है।
ये चरण धनु वालों पर चल रहा है। इस चरण में शनि कुछ न कुछ शुभ परिणाम देते हुए जाते हैं। इसे शनि साढ़े साती का अंतिम चरण भी कहते हैं।
17 जनवरी 2023 में मकर वालों को शनि साढ़े साती के सबसे कष्टदायी चरण से मुक्ति मिल जाएगी। इसके बाद आप पर इसका अंतिम चरण शुरू हो जाएगा।
17 जनवरी 2023 में शनि जैसे ही कुंभ राशि में प्रवेश करेंगे वैसे ही धनु जातकों को शनि साढ़े साती से मुक्ति मिल जाएगी।
17 जनवरी 2023 में मिथुन और तुला वालों को शनि ढैय्या से मुक्ति मिल जाएगी।
शनिवार के दिन शनि चालीसा का पाठ करने से शनि देव प्रसन्न होते हैं। साथ ही इस दिन जरूरतमंदों को दान जरूर करें।
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