Nov 30, 2022
अगर आप सूर्य को जल चढ़ाते हैं तो इस बात का ध्यान रखें कि इस प्रक्रिया में कभी गेप न हो। रोजाना नियमित रूप से सूर्य को अर्घ्य दें।
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शास्त्रों की मानें तो सूर्य को अर्घ्य देने का उचित समय सुबह सूर्योदय का ही है। यानी उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देना सबसे उत्तम माना जाता है।
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यदि आप उगते हुए सूरज को अर्घ्य देते हैं तो इससे कुंडली में सूर्य की स्थिति मजबूत होती है। जिससे आपको हर कार्य में सफलता मिलने के आसार रहते हैं।
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कभी भी सूर्य को उस स्थिति में जल नहीं देना चाहिए जब सूर्य मध्याह्न अवस्था में हो। इस समय को अभिजीत मुहूर्त कहा जाता है और इस मुहूर्त में कोई भी पूजा पाठ नहीं किया जाता है।
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इस शुभ कार्य से पहले आपको स्नान करना चाहिए और अर्घ्य देने से पहले कुछ भी खाना नहीं चाहिए।
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सूर्य को अर्घ्य देने के लिए तांबे का लोटा सबसे अच्छा माना जाता है। इसमें आप कुमकुम और अक्षत मिलाकर जल देंगे तो आपको पूर्ण लाभ मिलेगा।
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सूर्य को अर्घ्य देने से पहले एक ऐसा स्थान चुनें जहां पर सूर्य की किरणें पड़ रही हों। पूर्व दिशा की ओर मुख करके सूर्य को अर्घ्य देना सबसे उत्तम रहता है।
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ध्यान रखें कि अर्घ्य देते समय आप नंगे पैर होने चाहिए और धीरे-धीरे पानी के प्रवाह के माध्यम से सूर्य को देखते हुए सूर्य के बीज मंत्र का जाप करना चाहिए।
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सूर्य को अर्घ्य देने का सबसे शुभ दिन रविवार का माना जाता है। यदि आप नियमित रूप से सूर्य को जल न दें पाएं तो रविवार के दिन तो ये काम जरूर करें। इससे सूर्य देव की विशेष कृपा प्राप्त होती है।
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