Jan 31, 2024

Premanand Maharaj: प्रेमानंद महाराज से जानें सेवा से भी ना मिलें मेवा, तो क्या करें!

Jayanti Jha

वैसे तो कई संतों की बात लोगों के जीवन में अलग अलग तरीके से प्रकाश डालती है।

Credit: Social

इन दिनों वृंदावन के प्रेमानंद जी महाराज के विचार लोगों को काफी आकर्षित कर रहे हैं।

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​​मदद करने से पहले​

​लोगों की मदद करने से पहले यह जान लें कि जिनकी आप मदद कर रहे हैं। उनमें भगवान का स्वरूप होता है।​

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​सेवा का भाव​

लोगों के प्रति बस सेवा का भाव रखें यह ना सोचे कि वह इसके प्रति आपको क्या देगा या वह आपके प्रति क्या सोच और विचार रखता है।

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अगर किसी को पानी पिलाते हैं तो बदले में यह ना सोचे कि वह लौट कर आपको धन्यवाद कहेगा।

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यदि आप मदद के बदले में ऐसी अपेक्षा नहीं रखते हैं तो वह सच्ची सेवा मानी जाएगी।

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Uसेवा के बदले में यदि चाहत है कि वह आपको धन्यवाद कहें और ऐसा ना हो तो आपको दुख पहुंचेगा

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आपकी सोच है कि लोग मेरी दी हुई सेवा का एहसान नहीं मानते।

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एहसान का अर्थ

​एहसान का अर्थ कि सामने वाला कहे कि ऐसे समय में तुमने मेरी मदद की। ये कभी सेवा नहीं कहलाती है।​

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