Oct 6, 2022
शनि को न्याय देवता माना जाता है। कहते हैं ये लोगों को उनके कर्मों के अनुसार फल देते हैं। अच्छे कर्मों का अच्छा फल और बुरे कर्मों का बुरा फल।
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तुला, मकर और कुंभ जातकों पर शनि देव की विशेष कृपा रहती है। शनि मकर और कुंभ राशियों के स्वामी हैं तो वहीं तुला इनकी उच्च राशि है।
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शनि देव 17 जनवरी 2023 तक मकर राशि में गोचर रहेंगे। इसके बाद अपनी स्वराशि कुंभ में प्रवेश कर जायेंगे।
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वर्तमान में मकर, धनु और कुंभ वालों पर शनि साढ़े साती चल रही है। जिनमें मकर और कुंभ राशियों के शनि देव स्वामी हैं।
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मिथुन और तुला वालों पर इस समय शनि ढैय्या चल रही है। बता दें तुला शनि की उच्च राशि है।
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शनि साढ़े साती शनि की साढ़े 7 साल तक चलने वाली दशा को कहते हैं। ये दशा एक साथ तीन राशियों पर चलती है।
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इसकी अवधि ढाई साल की होती है। ये दशा एक साथ दो राशियों पर चलती है।
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शनि किसी भी राशि में ढाई साल तक विराजमान रहते हैं। अत: इन्हें अपनी राशि बदलने में ढाई साल का समय लग जाता है।
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शनि को मजबूत करने के लिए हर शनिवार शनि देव की विधि विधान पूजा करनी चाहिए। जरूरतमंदों की सहायता करनी चाहिए।
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