लवीना शर्मा
May 15, 2023
“ॐ त्र्यम्बकं यजामहे सुगन्धिं पुष्टिवर्धनम्।उर्वारुकमिव बन्धनान् मृत्योर्मुक्षीय मामृतात्॥”
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महामृत्युंजय मन्त्र को खुद पर विजय प्राप्त करने वाला माना जाता है। हमारे शास्त्रों में इस मंत्र को सबसे पहले ऋषि मार्कंडेय ने पाया था।
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मान्यता है इस मंत्र के जाप से घर या भूमि संबंधी समस्याएं दूर होती हैं और व्यापार में सफलता मिलती है।
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ऐसा कहा जाता है कि इस मंत्र के जाप से शारीरिक ऊर्जा में वृद्धि होती है और बीमारियों से मुक्ति मिलती है।
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इस मंत्र का जाप करने से आर्थिक लाभ मिलता है और पारिवारिक सुखों में वृद्धि होती है।
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कहते हैं अगर महामृत्युंजय मंत्र का सवा लाख बार जाप किया जाए तो इससे रोग और भय से मुक्ति मिलती है।
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इस मंत्र के जाप के लिए रुद्राक्ष की माला का प्रयोग किया जाना चाहिए।
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इस बात का ध्यान रखें कि मंत्र के उच्चारण के दौरान मंत्र होठों से बाहर नहीं आना चाहिए इसलिए इस मंत्र का जाप मध्यम स्वर में करेंगे तो ज्यादा बेहतर होगा।
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महामृत्युंजय मंत्र का जप हमेशा पूर्व दिशा में बैठकर ही करना चाहिए।
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मंत्र जाप शुरू करने से पहले भगवान शिव की प्रतिमा के समक्ष दीया और धूप जरूर जला लें।
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