Sep 26, 2023
Jayanti JhaCredit: Social
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अष्टमी तिथि का प्रारंभ 6 अक्टूबर, सुबह 6 बजकर 34 मिनट से होगा और इसकी समाप्ति 7 अक्टूबर को सुबह 08 बजकर 08 मिनट पर होगी।
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मान्यताओं के अनुसार इस व्रत को विधि विधान से रखने पर पुत्रों को दीर्घायु होने का वरदान मिलता है।
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इस दिन महिलाएं अपने पुत्रों की दीर्घायु और पुत्र रत्न की प्राप्ति के लिए 24 घंटे का निर्जला व्रत रखती हैं।
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इस व्रत की शुरुआत नहाए खाए के साथ होती है। दूसरे दिन निर्जला व्रत और तीसरे दिन व्रत का पारण किया जाता है।
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