क्या भारतीय ऋषियों की देन है विमान, इस पौराणिक ग्रंथ में 500 तरह के यान का जिक्र
Laveena Sharma
ऋषियों ने किए कई अविष्कार
भारत की भूमि संतों और देवताओं की भूमि के रूप में जानी जाती है। यहां विभिन्न प्रकार की खोज और अविष्कार हुए हैं।
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कई अविष्कारों के जनक हैं भारतीय ऋषि
भारतीय ऋषियों ने घोर तप के जरिए वेदों में छिपे गूढ़ ज्ञान से कुदरत के कई रहस्यों की खोज सदियों पहले ही कर ली थी।
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आधुनिक विज्ञान के मुताबिक राइट बंधुओं ने वायुयान का आविष्कार किया था।
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लेकिन वैमानिक शास्त्र अनुसार वायुयान की खोज महर्षि भारद्वाज ने पहले ही कर दी थी।
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विमानशास्त्र संस्कृत में रचित एक ग्रन्थ है जिसमें विमानों के बारे में जानकारी दी गयी है।
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ऋषि भारद्वाज ने पहले ही बता दिया था विमान बनाने का तरीका
महर्षि भारद्वाज ने विमान शास्त्र में सभी प्रकार के विमान बनाने और उसके यंत्र बनाने के साथ उसे चलाने तक की जानकारी दे दी थी।
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हजारों साल पुरानी है विमान तकनीक
आज दुनिया में जो विमान तकनीक विकसित हुई है उसका उल्लेख विमानशास्त्र में हजारों साल पहले किया जा चुका है।
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विमान शास्त्र में महर्षि भारद्वाज ने 500 प्रकार के विमान बनाने की विधि का उल्लेख किया है।
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विमान शास्त्र में बताया गया है क्या है विमान
इस ग्रंथ में विमान की परिभाषा भी दी गई है कि पक्षियों के समान वेग होने के कारण ही इसे विमान कहते हैं।
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विमानशास्त्र में बताई गई है विमान को गायब करने की तकनीक
विमानशास्त्र में वायुयान को गायब करने के असाधारण विचार से लेकर, एक ग्रह से दूसरे ग्रह व एक दुनिया से दूसरी दुनिया में ले जाने के बारे में जानकारी दी गई है।
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