Dec 2, 2022
By: लवीना शर्माधार्मिक मान्यताओं अनुसार हनुमान चालीसा का पाठ करने से सभी दुखों का नाश हो जाता है। जीवन के हर क्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
हनुमान चालीसा आप 3, 7, 19, 21, 100 या 108 बार भी पढ़ सकते हैं।
जो व्यक्ति 100 बार हनुमान चालीसा करता है उसे हर तरह के बंधन से मुक्ति मिल जाती है। फिर चाहे ये बंधन किसी रोग का हो या शोक का। हनुमान चालीसा में भी लिखा है जो सत बार पाठ करे कोई, छूटहि बन्दि महा सुख होई। सत अर्थात सौ।
सबसे पहले 100 बार हनुमान चालीसा पढ़ने का संकल्प लें। हनुमान जी के समक्ष दीपक जलाएं और उनकी पूजा करें। मूर्ति के समक्ष किसी ताम्बे या पीतल के एक लोटे में जल भरकर रखें। फिर चालीसा पढ़ना शुरू कर दें।
पाठ खत्म करने के बाद हनुमान जी को भोग लगाएं। फिर सबसे पहले रखे गए जल को आप प्रसाद के रूप में ग्रहण करें।
हनुमान चालीसा का पाठ साफ सुथरे कपड़ों में ही करें। पाठ लाल रंग के आसन पर बैठकर करें। चालीसा जप के दौरान प्रसाद के रूप में बूंदी के लड्डू, केले और गुड़ चना ही चढ़ाएं। हनुमान जी की मूर्ति पर लाल सिंदूर जरूर चढ़ाएं।
'भूत-पिशाच निकट नहीं आवे, महावीर जब नाम सुनावे' हनुमान चालीसा में अंकित इस चौपाई का 108 बार जप करने से भय से मुक्ति मिलती है।
'नासै रोग हरै सब पीरा, जपत निरंतर हनुमत बीरा' नियमित रूप से हनुमान चालीसा की इस चौपाई का जाप करने से व्यक्ति रोग मुक्त रहता है।
इस चौपाई का जाप करने से मनुष्य को जीवन में आने वाली हर समस्या से लड़ने की शक्ति मिलती है।
इस चौपाई का नियमित जाप करने से धन संबंधी परेशानियों से मुक्ति मिलती है। इसका नियमित तौर पर प्रतिदिन 108 बार जाप जरूर करें।
मंगलवार और शनिवार के दिन हनुमान चालीसा पढ़ना सबसे शुभ माना जाता है। हनुमान चालीसा पढ़ने से भय से भी मुक्ति मिलती है।
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