Feb 12, 2025
By: Medha Chawlaभारत देश के अलावा जापान में भी कई हिंदू देवी-देवताओं की पूजा होती है। यहां भी हिंदू संस्कृति के कई लक्षण देखने को मिलते हैं।
Credit: canva
जापान जो कि बौद्ध देश है वहां लगभग 100 से अधिक मंदिर सिर्फ माता सरस्वती के हैं। यहां के मंदिर जापानी वास्तुकला के मुताबिक बनाए गए हैं।
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जापान में हर दिन इन 1200 हिंदू मंदिरों में यज्ञ और हवन किए जाते हैं। ये हवन पुरोहितों और पुजारियों के द्वारा संपन्न करवाया जाता है।
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बेंजाइटन जापानी बौद्ध देवी हैं, जिनका स्वरूप मां सरस्वती से मिलता है। इनकी पूजा जापान में 6वी-7वीं शताब्दी में शुरू हुई थी जो आज वर्तमान में भी जारी है।
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बिशमोंटेन को जापानी पौराणिक मान्यताओं में युद्ध और योद्धाओं का देवता माना जाता है। इनका स्वरूप धन देवता कुबेर से मेल खाता है।
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किचिजोटेन जिन्हें सुंदरता, कला और धन की देवी माना जाता है, जो कि पूरे जापान में पूजनीय हैं। इनका स्वरूप माता लक्ष्मी के जैसा माना जा सकता है।
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हिंदू वेदों में भगवान विश्वकर्मा को दिव्य वास्तुकार के रूप में पूजा जाता है। जापान में बिशुकात्सुमा-तेन नाम के देवता को पूजा जाता है जो कि वास्तुकला के और वास्तु शास्त्र के देवता थे।
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कांगीतेन का अर्थ शुभता के देवता। जिस प्रकार में हिंदू धर्म में भगवान गणेश हैं उसी प्रकार जापान में ये देवता है पूजे जाते हैं।
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एम्मा-दस को जापानी पौराणिक मान्यताओं के अनुसार सबसे डरावना देवता माना जाता है। इनका स्वरूप मृत्यु के देवता यमराज जैसा माना जाता है।
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