हनुमान जी सप्तचिरंजीवी हैं। ऐसा कहा जाता है कि वह कलियुग में भी मौजूद हैं।
हनुमानजी की पूजा मंगलवार और शनिवार को की जाती है लेकिन सप्ताह के सब दिन उनके हैं।
हनुमान जी रामभक्त हैं। राम नाम को सोम रात कहा गया है, जिससे सोमवार भी हनुमान जी का वार हो जाता है।
मंगलवार तो हनुमान जी का दिन है। उन्हें मंगल मूर्ति कहा जाता है।
हनुमान जी को बुद्ध्रिम्तावरिश्थ कहा जाता है। इस तरह बुधवार भी उनका वार माना जाता है।
हनुमान जी गुरु स्वरूप हैं और इस तरह गुरुवार भी उनका वार माना जाता है।
अतुलित्बल्धाम्म उनके जितने तेजस्वी...शुक्रवान कोई नहीं.... जब इस पंक्ति पर गौर करते हैं तो पता चलता है कि शुक्र भी हनुमान जी का वार हुआ।
हनुमान जी की पूजा शनिवार को तो की ही जाती है। शनि तो उनका विशेष दिन वैसे ही माना गया है।
कहा जाता है - बाल समय रवि भक्ष लियो। इस तरह रवि भी उनका ही वार हुआ।
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