दैवीय वृक्ष गूलर के ये उपाय आपको बनाएंगे अकूत धन-संपदा का मालिक

Dec 15, 2022

By: लवीना शर्मा

दैवीय वृक्ष है गूलर

पीपल और बरगद के पेड़ की तरह ही गूलर के पेड़ को भी दैवीय माना जाता है। ये नवग्रहों के वृक्षों में से एक प्रमुख वृक्ष है।

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शुक्र से है संबंध

गूलर वृक्ष शुक्र का प्रतिनिधित्व करता है। इस पेड़ में नियमित रूप से जल अर्पित करने से शुक्र ग्रह मजबूत होता है। शुक्र ग्रह सुख-सुविधाओं, प्रेम, सौंदर्य, आकर्षण, प्रेम विवाह आदि का प्रतिनिधि ग्रह है।

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प्रेम विवाह के लिए

अगर प्रेम विवाह करना चाहते हैं तो गूलर के पेड़ की जड़ को किसी भी महीने के शुक्ल पक्ष के शुक्रवार को निकाल लाएं और उसे गंगाजल से शुद्ध कर लें। फिर इसे चांदी के ताबीज में भरकर धारण कर लें।

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धन प्राप्ति के लिए

धन प्राप्ति और भूमि-भवन खरीदने की इच्छा रखते हैं तो गूलर की जड़ चांदी के ताबीज में भरकर धारण करें।

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गूलर का ताबीज

ये ताबीज समस्त रोगों का निवारक है। इसे धारण करने से बुरी नजर भी नहीं लगती।

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रहस्यमयी है गूलर का फूल

ऐसा माना जाता है कि आज तक इस फूल को किसी ने धरती पर नहीं देखा। इसके रहस्यमयी होने के पीछे कई कथाएं भी प्रचलित हैं।

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स्वर्गलोग चले जाते हैं गूलर के फूल

कहा जाता है कि गूलर का फूल रात में खिलता है और खिलते ही ये स्वर्गलोक चला जाता है। इसके फूल कभी भी धरती पर नहीं गिरते।

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गूलर फूल का कुंबेर से संबंध

कहा जाता है कि गूलर फूल कुबेर की संपदा है इसलिए ये पृथ्वीवासियों के लिए उपलब्ध नहीं है।

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गूलर के पेड़ में जल चढ़ाने के लाभ

इस पेड़ में नियमित रूप से जल चढ़ाने से धन के देवता कुबेर प्रसन्न होते हैं। जिससे आर्थिक स्थिति बेहतर होती है।

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