Jul 12, 2023
प्राचीन काल में सात ऋषियों का एक समूह था जिसे सप्तऋषि कहा जाता था। इन ऋषियों पर ब्रह्माण्ड में संतुलन बनाए रखने और मानव जाति को सही राह दिखाने की जिम्मेदारी थी।
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रात को आकाश में दिखने वाले एक तारामंडल को भी सप्तऋषि तारामंडल कहा जाता है।
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दों में जिन सात ऋषियों के नाम का जिक्र है वो ऋषि कश्यप, अत्रि ऋषि, भारद्वाज ऋषि, विश्वामित्र ऋषि, गौतम ऋषि, जमदग्नि ऋषि और वशिष्ठ ऋषि हैं।
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वेदों में इन सात ऋषियों को वैदिक धर्म का संरक्षक माना गया है।
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भारद्वाज वह हैं जिन्होंने आयुर्वेद सहित कई ग्रंथों की रचना की थी।
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कश्यप ऋषि काफी महान माने जाते हैं। उनकी 17 पत्नियां थी। इनकी अदिति नाम की पत्नी से सभी देवता और दिति नाम की पत्नी से दैत्यों की उत्पत्ति मानी गई है।
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सप्त ऋषियों में अत्रि भी हैं। त्रेतायुग में श्रीराम, लक्ष्मण और सीता वनवास के समय में अत्रि ऋषि के आश्रम में ही रुके थे जिनकी पत्नी अनसूया माता थीं।
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सप्त ऋषि में छठे ऋषि हैं जमदग्नि। इन्हीं के पुत्र भगवान परशुराम थे।
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सातवें ऋषि वशिष्ठ हैं। वह राम, लक्ष्मण, भरत और शत्रुघ्न के गुरु थे। दिमाग के तेज कहे जाने वाले IAS-IPS भी इसका जवाब नहीं दे पाए।
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