Nov 24, 2022
By: लवीना शर्माकुंडली में लग्न से चंद्रमा जिस भाव में स्थित होता है उससे पाये का पता चलता है। कुंडली में 12 भाव होते हैं जिन्हें चार भागों में बांटा गया है।
4 प्रकार के पाये होते हैं। सोना का पाया, चांदी का पाया, लोहे का पाया और तांबे का पाया।
जन्म के समय चंद्रमा जब दूसरे, पांचवे और नौवें घर में होता है तो ऐसे बच्चों का पाया चांदी का माना जाता है। इस पाये में जन्मे बच्चे सबसे भाग्यशाली माने जाते हैं। इसे पाये को सबसे शुभ माना गया है।
जन्म के समय चंद्रमा तीसरे, सातवें और दसवें भाव में होता है तो ऐसे बच्चों का पाया तांबे का माना जाता है। ये बच्चे अपने और अपने पिता के लिए भाग्यशाली माने जाते हैं। इसे पाये को दूसरे नंबर पर श्रेष्ठ माना गया है।
जन्म लग्न से चंद्रमा पहले, छठे और ग्यारहवें भाव में होता है तो ऐसे बच्चे का पाया सोने का माना जाता है। इस पाये में जन्मे लोगों को सफलता कड़ी मेहनत से मिलती है। ये रोग की चपेट में जल्दी आ जाते हैं।
जब चंद्रमा चौथे, आठवें या बारहवें भाव में हो तो ऐसे बच्चे का पाया लोहे का माना जाता है। इस पाये में जन्मे लोग बेहद कष्ट में जीवन व्यतीत करते हैं।
स्वर्ण के पाये मे जन्म लेने वाले जातक नारियल का दान देते रहें। रोजाना सूर्य को अर्घ दें।
लौह के पाये मे जन्म लेने वाले जातकों को अपने वजन के बराबर का लोहा शनि स्थान मे दान करना चाहिये। साथ ही काली मिर्च का सेवन करना चाहिए।
इस पाये में जन्मे लोगों को भोजन का दान करना चाहिए। तांबे की कोई न कोई चीज अपने पास रखनी चाहिये।
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