Nov 5, 2022
विज्ञान के लिहाज से चंद्र या सूर्य ग्रहण एक खगोलीय घटना होती है, लेकिन धार्मिक लिहाज से ग्रहण को बहुत ही महत्वपूर्ण माना गया है।
Credit: BCCL
सूतक लगते ही मंदिर बंद कर दिए जाते हैं और इस दौरान केवल प्रभु को याद करने को कहा गया है।
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ग्रहण के दौरान यदि वर्जित कार्यों को किया जाए तो इससे जातक के 12 साल के बटोरे गए पुण्य खत्म हो जाते हैं।
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ग्रहण काल ही नहीं सूतक लगते ही कोई भी शुभ कार्य नहीं करना चाहिए। ऐसा करने से शुभ कार्य अशुभ कार्य में बदल जाएगा।
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ग्रहण के दौरान खाना खाना या अन्न ग्रहण करना नर्क वासी बना ता है। ग्रहण के दौरान खाना-पीना सब कुछ मना होता है।
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ग्रहण में संबध बनाना भी वर्जित है, ऐसा करने वालों को सुअर का जन्म मिलता है।
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ग्रहण काल में सोना निषेध है। ग्रहण के दौरान मालिश करना कुष्ठ रोग का कारण होता है।
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ग्रहण के दौरान कभी भी कुछ भी न काटें। फल, फूल, पत्ते आदि तोड़ना अशुभता का वास लाता है।
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ग्रहण के दौरान में सजना-संवरना, बालों को झाड़ना, ब्रश करना या कपड़े आदि बदलना मना है।
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