Sep 5, 2023
आचार्य चाणक्य ने नीति शास्त्र में जीवन की तमाम बातों का जिक्र किया है। इसी में उन्होंने छात्रों, शिक्षकों के गुणों का वर्णन किया है।
Credit: Instagram/BCCL
अचार्य चाणक्य ने कहा था शिक्षक सधारण नहीं होते। प्रलय और निर्माण उनके गोद में खेलता है!
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चाणक्य के अनुसार, एक शिक्षक के पास ये मौका होता है कि भविष्य की पीढ़ियों का सही मार्गदर्शन करे ।
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शिक्षा का अर्थ सिर्फ ज्ञान अर्जित करना नहीं होता बल्कि शिक्षा का अर्थ पूरा होता है संस्कार से , अनुशासन से और आपके आचरण से महान होना।
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चाणक्य कहते हैं कि गुरु अपने शिष्य को न सिर्फ सहीं रास्ते दिखाते है बल्कि उन रास्ते में आने वाली विभिन्न कठिनाइयों का सामना करने का भी उपाय बताते है ।
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आचार्य चाणक्य बताते हैं कि किस तरह के शिक्षक महान होते हैं।
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शिक्षक की जिम्मेदारी होती है राष्ट्र चरित्र का निर्माण करने हेतु बच्चों में अच्छे गुणों और शिक्षा को बढ़ावा देना।
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सभी शिक्षक महान कार्य करते है और शिक्षा का पेशा एक सामाजिक कार्य की तरह है।
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आचार्य चाणक्य की इन बातों को अपनाने वाले शिक्षक महान होते हैं।
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