Nov 9, 2022
By: लवीना शर्माये साल का आखिरी चंद्र ग्रहण था। ग्रहण की समाप्ति शाम 6 बजकर 18 मिनट पर हुई और देर रात करीब 1 बजकर 57 मिनट पर भूकंप आया।
6.3 की तीव्रता वाले इस भूकंप का केंद्र नेपाल में ही था। भारत में दिल्ली-एनसीआर में भी भूकंप के तेज झटके महूसस किये गये।
माना जाता है कि चंद्र ग्रहण के बाद धरती पर प्राकृतिक आपदाएं आती हैं। खासतौर पर भूकंप। जानकारों की मानें तो चंद्र ग्रहण के बाद भूकंप जैसी आपदा और भी अधिक खतरनाक और जानलेवा होने की आशंका रहती है।
ज्योतिष में ग्रहण को धरती पर अशुभ और हानिकारक प्रभाव डालने वाला माना जाता है। जिसका सीधा संबंध भूकंप जैसी प्राकृतिक आपदा से होता है।
जब भी कोई ग्रहण पड़ता है तो उसके 40 दिन पहले या फिर 40 दिन बाद भूकंप कभी भी आ सकता है। कई बार यह अवधि और भी कम होती है।
दरअसल चंद्रग्रहण के समय चंद्रमा पृथ्वी के सबसे नजदीक होता है। जिससे चंद्रमा का गुरुत्वाकर्षण बल समुद्री ज्वार को प्रभावित करता है। जिससे भूकंप के आने का खतरा बढ़ जाता है।
ग्रहण में ग्रह एक दूसरे पर अपनी छाया डालते हैं। ये छाया चाहे चंद्रमा पर पड़े या फिर पृथ्वी पर दोनों पर इसका असर होता है।
ज्योतिष शास्त्र के मुताबिक भूकंप के उस क्षेत्र में आने की संभावना अधिक होती है, जहां ग्रहण का साफ प्रभाव देखने को मिलता है।
साल 2018 के जनवरी महीने में चंद्रग्रहण के बाद दिल्ली-एनसीआर में तेज भूकंप आया था। इससे पहले भी चंद्र ग्रहण से कुछ दिन पहले या बाद में भूकंप के झटके लगते रहे हैं।
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