कहां गिरा था माता सती का पैर, इसी शक्तिपीठ में हुआ भगवान कृष्ण का मुंडन

कुलदीप राघव

Jul 14, 2023

मां भद्रकाली मंदिर

पुराणों के अनुसार भद्रकाली का हरियाणा के कुरुक्षेत्र में परमशक्ति पीठधाम है। शक्तिपीठों में मां भद्रकाली का विशेष महत्व है।

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भारत में कुल 52 शक्तिपीठ

हिंदू ग्रंथों में ऐसे केवल 52 शक्तिपीठों का वर्णन मिलता है। 52 शक्तिपीठों में से एक शक्ति पीठ हरियाणा के कुरुक्षेत्र में श्रीदेवी कूप भद्रकाली मंदिर।

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क्या है कथा

देवी सती ने अपना पिता दक्षेस्वर की ओर से किए जा रहे यज्ञ कुंड में अपने प्राण त्याग दिये थे। तब भगवान शंकर रुद्ररूप धारण कर देवी सती के मृत शरीर को लेकर ब्रह्मांड में चक्कर लगा रहे थे।

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शक्तिपीठ क्या हैं

भगवान विष्णु द्वारा अपने सुदर्शन चक्र से माता सती के पार्थिव शरीर को काटे जाने पर पृथ्वी पर जहां जहां उनके अंग गिरे वो स्थान शक्तिपीठ कहलाए।

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कहां गिरा था पैर

हरियाणा के कुरुक्षेत्र में स्थित भद्रकाली मंदिर एक शक्तिपीठ है, जहां देवी सती का दांए पैर का टखना (घुटने के नीचे का भाग) गिरा था।

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देवी काली की प्रतिमा

भद्रकाली शक्ति पीठ सावित्री पीठ के नाम से प्रसिद्ध है। भद्रकाली मंदिर में देवी काली की प्रतिमा स्थापित है!

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माता सती का पैर स्थापित

मंदिर में प्रवेश करते ही बड़ा कमल का फूल बनाया गया है, जिसमें मां सती के दाएं पैर का टखना स्थापित है जोकि सफेद संगमरमर से बना है।

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हुआ था कृष्ण का मुंडन

कहा जाता है कि भद्रकाली शक्तिपीठ में श्रीकृष्ण और बलराम का मुंडन हुआ था।

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पांडवों ने किए थे घोड़े दान

महाभारत के युद्ध में विजय हासिल करने के बाद पांडवों ने मंदिर में आकर घोड़े दान किये थे।

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