Dec 17, 2022
हिंदू धर्म की मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की उत्पत्ति भगवान शिव के नेत्रों से हुई है। स्कंदपुराण, शिवपुराण और लिंग पुराण में भी रुद्राक्ष का जिक्र मिलता है।
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रुद्राक्ष धारण करने से मानसिक, शारीरिक मजबूती मिलती है। मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष की माला पहनने से कुंडली में शनि के अशुभ प्रभाव कम होते हैं।
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मान्यताओं के अनुसार रुद्राक्ष पहनने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। साथ ही रोजगार की समस्या, घर की समस्या से निदान मिलता है।
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रुद्राक्ष की माला व्यक्ति के चारों तरफ एक सुरक्षा चक्र बनाती है। इससे मन और मस्तिष्क दोनों ही तरफ सकारात्मक ऊर्जा का प्रवाह होता है।
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रुद्राक्ष का सीधा संबंध भगवान शिव से है। रुद्राक्ष पहनने के बाद रोजाना शिव तांडव स्त्रोत का पाठ करने से लक्ष्मी की प्राप्ति होती है।
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समय में यदि विवाह नहीं हो रहा है तो गौरी शंकर रुद्राक्ष धारण करना चाहिए। ये सुख का कारक होता है।
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रुद्राक्ष लाइलाज रोगों से रक्षा करता है।
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रुद्राक्ष की माला पहनने से सकारात्मक ऊर्जा आती है। इससे तीव्र आकर्षण आता है। इससे प्रेम संबंध और दांपत्य जीवन में सुख आता है।
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रुद्राक्ष धारण करने से बुरी शक्तियां आपको हानि नहीं पहुंचाती है। तंत्र सिद्धि के दौरान इसी कारण रुद्राक्ष धारण किया जाता है।
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