Adipurush: रामायण पाठ में हनुमान जी के लिए क्यों छोड़ा जाता है एक खाली आसन?
लवीना शर्मा
आपने भी देखा या सुना होगा कि रामायण पाठ के समय हमेशा एक खाली सीट या आसन छोड़ा जाता है।
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कहते हैं अदृश्य रूप में रामायण सुनते हैं भगवान हनुमान
ऐसा माना जाता है कि जहां भी रामायण होता है या पढ़ा जाता है वहां हनुमान जी अदृश्य रूप में उपस्थित होते हैं।
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क्या एक साथ कई जगह उपस्थित हो सकते हैं भगवान हनुमान
कहा जाता है कि भगवान हनुमान एक ही समय में कई स्थानों की रामकथा सुनने में सक्षम हैं, क्योंकि उन्होंने समय और स्थान का अतिक्रमण कर रखा है।
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'आदिपुरुष' के प्रत्येक शो में भी छोड़ी जाएगी एक खाली सीट
रामायण के समय हनुमान जी की उपस्थिति के विश्वास को कायम रखते हुए 'आदिपुरुष' के प्रत्येक शो में हनुमान जी के लिए एक सीट आरक्षित की जाएगी।
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रामायण पाठ में हनुमान जी की उपस्थिति से जुड़ी कहानी
मान्यता है कि एक बार तुलसीदासजी से एक प्रेत मिला, जिसने कहा कि जहां भी भक्तिभाव से रामकथा का आयोजन होता है वहां हनुमानजी किसी न किसी रूप में उपस्थित हो जाते हैं।
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इसलिए रामायण पाठ में छोड़ा जाता है खाली आसन
इसी धारणा के चलते जब भी रामायण का पाठ होता है तो सबसे पहले हनुमानजी के लिए आसन लगाया जाता है और फिर उन्हें बैठने के लिए आमंत्रित किया जाता है।
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आज भी जीवित हैं संकटमोचन हनुमान?
सनातन वेद और पुराणों अनुसार भगवान हनुमान को अमरत्व का वरदान प्राप्त है। जिसके अनुसार ये धरती पर आज भी मौजूद हैं।
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