Jul 4, 2024
आमतौर पर छात्र सबसे ज्यादा नीले और काले पेन का इस्तेमाल करते हैं, जबकि टीचर्स के हाथों में लाल पेन दिख सकता है।
Credit: canva
बता दें पेंसिल और पेन में सबसे बड़ा अंतर है कि कुछ विशेष कैमिकल या रबर को छोड़ दिया जाए, तो पेन से लिखी चीजों को मिटाया नहीं जा सकता है।
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जब हम पेंसिल छोड़ते हैं और पेन पकड़ते हैं तो शायद यही समझना होता है कि अब हम गलती नहीं कर सकते वरना इसे सुधारना आसान नहीं होगा।
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लेकिन कभी Pen को गौर से देखा है? पेन के पिछले या अगले हिस्से में एक hole यानी सूक्ष्म सा छेद दिखाई देगा, यह क्यों होता है।
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बता दें पेन के पिछले हिस्से या अगले हिस्से में भले छोटा सा छेद होता है, लेकिन इसका उद्देश्य बहुत बड़ा है।
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पेन में छेद होने से ही उसमें मौजूद इंक बराबर निकलती है, जिससे आप अच्छे से व सुंदर तरीके से लिख पाते हैं।
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इसके अलावा छेद की वजह से Aeration में भी मदद मिलती है, Aeration एक ऐसी प्रक्रिया है जिसके द्वारा हवा को किसी तरल या अन्य पदार्थ में प्रवाहित होती है।
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आपने यह भी गौर किया होगा कि पॉकेट में रखा पेन कभी कभार लीक कर जाता है। जानना चाहेंगे ऐसा क्यों होता है।
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पॉकेट में पेन रखने से कई बार इसका छेद ब्लॉक हो जाता है जिससे इसका Aeration नहीं हो पाता है, ऐसे में पेन का इंक विपरीत दिशा में फ्लो होता है।
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आसान भाषा में कहें तो पेन की स्याही जल्दी न सूख जाए और दबाव न बने, इसलिए पेन कैप में छेद किया जाता है।
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