Oct 4, 2024
मंगल ग्रह देखने में एकदम लाल दिखाई देता है। इस वजह से मंगल को रेड प्लैनेट या लाल ग्रह के नाम से भी जाना जाता है।
Credit: copilot-AI-Images
मंगल ग्रह की सतह पर आयरन ऑक्साइड (लोहे का ऑक्साइड) मौजूद है। जब लोहा ऑक्सीजन के साथ क्रिया करता है तो जंग का कारण बनता है और इसी वजह से मंगल ग्रह की सतह का रंग लाल है।
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जब मंगल ग्रह बना होगा तो उसने लोहे को अपनी ओर खींचा होगा और लोह कोर में समा गया होगा। वैज्ञानिकों का मानना है कि कोर में मौजूद लोहे का कुछ हिस्सा हल्के गुरुत्वाकर्षण की वजह से ऊपर सतह में रह गया होगा।
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अक्सर मंगल ग्रह पर धूल के तूफान आते हैं जिसकी वजह से आयरन ऑक्साइड पूरे ग्रह पर फैल गया होगा।
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मंगल पर कुछ वक्त पहले ज्वालामुखीय गतिविधियां हुईं जिसमें से निकले लावा में लोहा मौजूद था और जब लावा हवा के संपर्क में आया तो ऑक्सीकृत होकर आयरन ऑक्साइड में तब्दील हो गया।
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स्पेस डॉट कॉम के मुताबिक, मंगल पर पहले पानी हुआ करता था और बारिश भी होती थी। बारिश के पानी में मौजूद ऑक्सीजन के साथ लोहे की जब क्रिया हुई होगी तो उससे आयरन ऑक्साइड बना होगा।
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आयरन ऑक्साइड को लेकर अलग-अलग थ्योरीज हैं, लेकिन यह तो स्पष्ट है कि मंगल ग्रह का इसी वजह से रंग लाल है।
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