Jun 13, 2025
हवाई जहाज़ के टायरों में सामान्य हवा नहीं होती है।
Credit: Sanjeev Dubey
हवाई जहाज़ के टायरों में नाइट्रोजन गैस भरी जाती है।।
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नाइट्रोजन का उपयोग इसलिए भी होता है क्योंकि घर्षण और गर्मी के कारण आग लगने की संभावना ना के बराबर होती है।
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क्योंकि यह कम प्रतिक्रिया करती है और तापमान के साथ उसका प्रभाव कम होता है।
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एक हवाई जहाज़ के टायर पर 70,000 किलोग्राम तक का भार पड़ सकता है।
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टायरों को टेक-ऑफ और लैंडिंग के समय बेहद तेज़ गति और गर्मी का सामना करना पड़ता है।
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लैंडिंग के समय टायर की रफ्तार लगभग 280 किलोमीटर प्रति घंटा तक होती है।
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हवाई जहाज़ के टायर में ट्यूब नहीं होता, ये ट्यूबलेस टायर होते हैं।
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टायर की बनावट विशेष हीट रेसिस्टेंट रबर से होती है।
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