Aug 12, 2024
आसमान नीला, जबकि अंतरिक्ष काला दिखाई देता है। दरअसल, अंतरिक्ष में हवा और ऑक्सीजन दोनों ही नहीं है। इसी वजह से अंधेरा रहता है।
Credit: iStock
अंतरिक्ष को प्रकाश वर्ष के जरिये मापा जाता है। हालांकि, रडार मापन विधि सबसे सटीक मानी जाती है, लेकिन प्रकाश की गति को ही आधार बनाया जाता है।
Credit: iStock
अंतरिक्ष का कोई स्थायी छोर नहीं है। यह अनंत है। यह कोई नहीं जानता कि यह कितना विशाल है। हालांकि, अंतरिक्ष के मामले में तो वैज्ञानिको की कल्पनाएं भी धरी की धरी रह जाती हैं।
Credit: iStock
अंतरिक्ष में लाखों आकाशगंगाएं और उनके लाखों सूर्य, अनगिनत तारे, ग्रह, उपग्रह, उल्का, ब्लैक होल इत्यादि मौजूद हैं।
Credit: iStock
अबतक 5,500 के आसपास बाह्यग्रह ढूंढ़े जा चुके हैं और वैज्ञानिक लगातार इनकी खोज कर रहे हैं। हालांकि, यह कोई नहीं जानता कि अंतरिक्ष में कितने बाह्यग्रह होंगे।
Credit: iStock
हमारी आकाशगंगा का नाम मिल्की-वे है। जिसके ग्रह पृथ्वी पर हम सभी रहते हैं और पृथ्वी संभवत: ऐसा ग्रह है जिसका नाम किसी भगवान के नाम पर नहीं पड़ा।
Credit: iStock
दो ग्रहों के बीच में, जो जगह खाली रहती है, उसमें धूल और गैस के कण मौजूद होते हैं। जिसकी वजह से अजीब सी कलाकृत्तियां दिखाई देती हैं।
Credit: iStock
Thanks For Reading!
Find out More