Jun 25, 2024
इस मिशन में अंतरिक्ष से लौटने वाले यान को तेज हवाओं के बीच ज्यादा चुनौतीपूर्ण हालात में लैंड कराया गया।
Credit: -ISRO
भारतीय वायुसेना के चिनूक की बदौलत 'पुष्पक यान' को 500 मीटर की ऊंचाई से लैंडिंग के लिए छोड़ा गया।
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लैंडिंग के समय 'पुष्पक यान' की रफ्तार 320 किमी/प्रति घंटे की रही, जो लड़ाकू विमान से अधिक है।
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मिशन का उद्देश्य अंतरिक्ष से लौटने वाले यान की सुरक्षित लैंडिंग करवाकर उसे फिर से इस्तेमाल करना है।
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सैटेलाइट में किसी प्रकार की तकनीकी खामी आने पर RLV की मदद से उसे ठीक किया जा सकता है।
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इसरो अब रिटर्न-टू-फ्लाइट एक्सपेरिमेंट और स्क्रैमजेट प्रोपल्शन एक्सपेरिमेंट को अंजाम देगा।
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