Sep 12, 2024
हमारी जैसी विशालकाय आकाशगंगाओं के केंद्र में एक सुपरमैसिव ब्लैक होल होता है, जिन्हें समझना बेहद मुश्किल होता है। इसका द्रव्यमान सूर्य से अरबों गुना ज्यादा तक हो सकता है।
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मिल्की-वे के केंद्र में Sgr A* नामक सुपरमैसिव ब्लैक होल मौजूद है और इसका द्रव्यमान सूर्य से 40 लाख गुना ज्यादा है।
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Sgr A* सुपरमैसिव ब्लैक होल का निर्माण 9 अरब साल पहले हुआ था। ब्लैक होल्स को ब्रह्मांड की सबसे ताकतवर वस्तुओं में से एक माना जाता है, जो रोशनी को भी निगल जाता है।
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इवेंट होराइज़न टेलीस्कोप (EHT) ने साल 2022 में Sgr A* को देखा था। जिसके बाद खगोलविद इससे जुड़े तथ्यों को तलाशने लगे और इस बात का अध्ययन किया कि आखिर यह कब और कैसे बना होगा।
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खगोलविदों का मानना है कि Sgr A* सुपरमैसिव ब्लैक होल भी संभवत: वियल के जरिये बना होगा, जिसने समय के साथ ब्रह्मांडीय पदार्थ को भी एकत्रित किया होगा।
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अध्ययन से पता चला कि Sgr A* सुपरमैसिव ब्लैक होल तेजी से घूमता है। जिसको देखकर संभवत: ऐसा लगता है कि Sgr A* किसी अन्य ब्लैक होल के साथ विलीन हुआ होगा।
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लगभग 10 अरब वर्ष पहले मिल्की-वे में बौनी आकाशगंगा गाया-एन्सेलेडस विलीन हो गई। खगोलविदों के मुताबिक, जब आकाशगंगाएं विलीन होती हैं तो उनके केंद्रीय ब्लैक होल भी विलीन होते हैं।
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