Sep 28, 2024
एलन मस्क ने मंगल ग्रह पर बस्ती बसाने की योजना तैयार की है, लेकिन क्या यह पृथ्वी की तरह आसान होगा। ऐसी बहुत सारी चीजें हैं।
Credit: Copilot-AI-Images
विशेषज्ञों का मानना है कि मंगल ग्रह की स्थितियां इंसानी शरीर में कई खतरनाक बदलाव ला सकती है। जैसे शरीर का रंग बदलना, आंखों का कमजोर होना इत्यादि।
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अमेरिकी बायोलॉजिस्ट डॉ स्कॉट सोलोमन का मानना है कि मंगल ग्रह पर इंसानों का सर्वाइव कर पाना बेहद मुश्किल है।
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सोलोमन के मुताबिक, अगर मंगल ग्रह में बसने वाले इंसान बच्चे पैदा करते हैं तो बच्चों में कम गुरुत्वाकर्षण और हाई रेडिएशन की वजह से कई म्यूटेशन हो सकते हैं।
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म्यूटेशन की वजह से बच्चों की त्वचा का रंग हरा हो सकता है। आंखों की रोशनी कमजोर हो सकती है। साथ ही हड्डियां कमजोर हो सकती है।
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बायोलॉजिस्ट सोलोमन ने अपनी किताब फ्यूचर ह्यूमन में मंगल में इंसानों के बसने को लेकर यह बातें कही हैं।
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मंगल में हमारी धरती की तुलना में 30 फीसद कम ग्रेविटी है और पृथ्वी जैसी ओजोन परत की भी कमी है। इन तमाम वजहों से शरीर के रंग से लेकर आंख की रोशनी तक प्रभावित हो सकती है।
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