गुरुग्राम के मैनेजमेंट डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट ने हाल ही में नॉर्थ ईस्ट की इस स्टेट को देश का सबसे खुश राज्य घोषित किया है।
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मिजोरम के लोग हैं खुश
प्रोफेसर राजेश की रिपोर्ट के अनुसार देश में सबसे खुश लोग मिजोरम के हैं। बता दें कि साक्षरता दर के मामले में भी मिजोरम दूसरे नंबर पर आता है।
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क्यों हैं यहां हैपीनेस
सवाल ये है कि इस छोटे से राज्य के पास आखिर ऐसा क्या है जो यहां के लोग इतने खुश हैं।
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6 आधार पर जवाब
स्टडी में इसका जवाब 6 पैरामीटर्स के आधार पर दिया गया है जिसमें रोजगार, सामाजिक मुद्दे, धार्मिक मुद्दे, खुशी पर कोविड का असर, शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य आदि पैरामीटर शामिल रहे।
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युवा हैं खुश
मिजोरम का सामाजिक ताना बाना ऐसा है कि इससे युवाओं पर बोझ नहीं पड़ता और वे खुद को तनाव रहित महसूस करते हैं। वे 16 से 17 साल की उम्र में अपने पैरों पर खड़े होने लगते हैं।
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भेदभाव नहीं
मिजोरम के समाज में जात पात का ज्यादा भेदभाव नहीं है। वहीं जॉब में लड़के - लड़की में भेदभाव नहीं किया जाता है।
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टूटे परिवार फिर भी खुश
मिजोरम में तलाक के मामले ज्यादा हैं। लेकिन कई लोगों के एक जैसी स्थिति में होने, मांओं के काम करने और कम उम्र में आर्थिक आत्मनिर्भरता पाने की वजह से लोग ज्यादा परेशान नहीं होते।
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पढ़ाई का तनाव कम
ये भी देखने में आया है कि मिजोरम में पेरेंट्स बच्चों पर पढ़ाई का ज्यादा बोझ नहीं डालते हैं।
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पेरेंट टीचर बॉन्ड
यह भी देखने में आया है कि मिजोरम में बच्चों के यही तरीके से बढ़ने के लिए पेरेंट्स व टीचर संपर्क में रहते हैं और मुमकिन तरीके से उनको सपोर्ट करते हैं।
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