Apr 7, 2024
अवनि बागरोलाइन दिनों लगभग हर बच्चे को फोन की लत है, छोटे छोटे बच्चों से लेकर टीन वालों तक को दिन रात फोन चलाने की आदत होती है।
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बच्चों के लिए इतना ज्यादा स्क्रीन टाइम बहुत हानिकारक हो सकता है। इससे आंख तो बच्चों की मानसिक सेहत पर भी बुरा असर पड़ता है।
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ऐसे में नए पेरेंट्स सुधा मूर्ति से खास टिप्स ले सकते हैं।
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सुधा मूर्ति के मुताबिक आप दिन भर में बच्चों को करीब 1 घंटे के लिए ही फोन देखने की अनुमति दें। खासतौर से उन्हें जो 12 साल से कम के हैं।
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कम से कम स्क्रीन टाइम के साथ पेरेंट्स को ये समझना भी जरूरी है कि, बच्चों को फोन कब न दें।
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बच्चे अगर फोन की जिद करते हैं, तो इसका मतलब है कि वो अपने मां-बाप को भी वही काम करते देख रहे हैं। इसलिए पेरेंट्स बच्चों के सामने फोन में न लगे रहें।
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आमतौर पर मां-बाप बच्चों को खाते टाइम, रोते, चिड़चिड़ करते टाइम फोन दे देते हैं। तो जान लें कि इस समय पर फोन देना सबसे ज्यादा खराब है। इससे बच्चे जिद्दी होते हैं।
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जब परिवार से बच्चों को वक्त नहीं मिलता तब वे फोन में ध्यान व मन लगाने की कोशिश करते हैं। ऐसे में मां-बाप बिना गैजेट के बच्चों के साथ ज्यादा से ज्यादा समय बिताएं।
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फोन के बजाय आप बच्चों के साथ समय बिता सकते हैं, उन्हें किताब पढ़ने को कह सकते हैं, बाहर खेलने को कह सकते हैं। ऐसा करने से वे फोन कम चलाएंगे और असल जिंदगी में जिएंगे।
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