Jun 30, 2024

सावन पर शायरी: अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई, मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई

Suneet Singh

सावन एक महीने 'क़ैसर' आँसू जीवन भर, इन आँखों के आगे बादल बे-औक़ात लगे।

- कैसर ल जाफरी

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नफ़स नफ़स पे यहाँ रहमतों की बारिश है, है बद-नसीब जिसे ज़िंदगी न रास आई।

- पयाम फतेहपुरी

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रहती है शब-ओ-रोज़ में बारिश सी तिरी याद, ख़्वाबों में उतर जाती हैं घनघोर सी आँखें।

- अफजाल नवेद

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सावन की इस रिम-झिम में, भीग रहा है तन्हा चाँद।

- इंद्र सराजी

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ये हुस्न-ए-नौ-बहार ये सावन की बदलियाँ, पीना है फ़र्ज़ और न पीना हराम आज।

- अज्ञात

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शोख़ियाँ मासूमियत स्कूल झूला बारिशें, कितनी यादें साथ लाया जब कोई बछड़ा मिला।

- मुमताज अजीज नाजां

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रुकी रुकी सी है बरसात ख़ुश्क है सावन, ये और बात कि मौसम यही नुमू का है।

- जुनैद हजीं लारी

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कल तिरे एहसास की बारिश तले, मेरा सूना-पन नहाया देर तक।

- नीना सहर

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अब के सावन में शरारत ये मिरे साथ हुई, मेरा घर छोड़ के कुल शहर में बरसात हुई।

- गोपाल दास नीरज

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