Sep 29, 2023
BY: Medha Chawlaअपने बच्चे के लिए सही नाम चुनना परिवार में सबसे महत्वपूर्ण कामों में से एक माना जाता है। नवजात शिशु का नाम रखने के लिए कई चीजों को ध्यान में रखा जाता है।
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ईशा फाउंडेशन पोर्टल पर उपलब्ध एक वीडियो में सद्गुरु बताते हैं कि बच्चे का नामकरण कितना महत्वपूर्ण है, ये उससे परावर्तित ध्वनि से कैसे जुड़ा है और ये ह्यूमन सिस्टम को कैसे प्रभावित करता है।
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सद्गुरु इस बात पर जोर देते हैं कि आवाज ह्यूम सिस्टम को प्रभावित कर सकती है और ये किसी के नाम से जुड़ी होती है। बच्चे का नाम चुनते समय वह आवाजों के संयोजन पर जोर देते हैं।
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सद्गुरु ने कहा कि पहाड़ की अपनी आवाज होती है। हर कंकड़ की अपनी आवाज होती है। मानव शरीर सहित हर रूप की अपनी आवाज होती है।
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फिर वह नाद योग के बारे में बात करते हैं, जो सही प्रकार की आवाज के साथ जीवन को बदल सकता है।
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संस्कृत वर्णमाला स्वयं सृष्टि की एक निश्चित समझ से आती है, क्योंकि भाषा संचार के लिए नहीं बनाई गई थी। सद्गुरु कहते हैं कि भाषा संचार के लिए बनाई गई भाषा नहीं है।
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सद्गुरु ने कहा कि संस्कृत वर्णमाला में 54 अक्षर हैं। इन अक्षरों को कुछ सौ छोटी आवाजों में तोड़ा जा सकता है। उन छोटी आवाजों के माध्यम से लोगों का नाम रखना बहुत जटिल है।
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सद्गुरु कहते हैं कि अब हमें आपके बच्चे का नाम इस तरह रखना चाहिए कि जब भी आप उस नाम से पुकारें तो उसके भीतर कुछ ढीला होना चाहिए।
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सद्गुरु मुक्ति के बारे में बात करते हुए कहते हैं अगर आप मुक्ति की खोज में हैं, तो जो नाम आप उच्चारित करते हैं, वह महत्वपूर्ण हो जाती है।
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