ललित राय
Dec 12, 2022
पैंक्रियाटाइटिस एक्यूट और क्रॉनिक होता है, एक्यूट पैंक्रियाटाइटिस में पैंक्रियाज में अचानक से सूजन आ जाती है जो इलाज के जरिए ठीक हो जाता है। लेकिन क्रॉनिक पैंक्रियाटाइटिस की वजह अत्यधिक मात्रा में शराब का सेवन होता है।
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पैंक्रियास में पाचक एंजाइम सक्रिय हो जाते हैं जो कि अग्न्याशय की कोशिकाओं में सूजन पैदा करते हैं और इसकी वजह से संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है।
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पेनक्रियाज पेट में बाईं ओर स्थित छोटा सा अंग है। इसका मुख्य कार्य कुछ पाचन एंजाइम और हार्मोन जारी करना है जो निम्न रक्त मधुमेह पैदा करने वाली बीटा कोशिका की मदद करते हैं।
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चाय, कॉफी और डिब्बाबंद पेय से बचें। तले हुए खाद्य पदार्थ, पिज्जा, मक्खन, अंडे, आलू के चिप्स, चीज, और बीन्स को नहीं खाना चाहिए। मक्खन, घी, पूर्ण वसा वाले डेयरी और मेयोनेज से भी बचना चाहिए।
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हल्के एक्यूट पैंक्रियाटिक समस्या से जूझ रहे लोग सात दिन के अंदर ठीक होने लगते हैं। और कभी कभी दो दिन में परेशानी से निजात मिल जाता है।
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यह समस्या अपने आप ठीक हो जाती है। लेकिन गेस्ट्राइटिस के लक्षण एक हफ्ते या इससे अधिक समय तक रहते हैं तो डॉक्टर को दिखाना चाहिए
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पैंक्रियाज की कोशिकाओं को हर समय हाइड्रेटेड रहने की जरूरत होती है। ऐसे में हर दिन 8-10 गिलास पानी पीते रहें. -खीरा, तरबूज, स्ट्रॉबेरी, कीवी जैसे फलों का सेवन पैंक्रियाज के लिए अच्छा होता है।
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फूलगोभी, ब्रोकली, बंद गोभी, मूली जैसी सब्जियां क्रूसिफेरस जैसी सब्जियां जो अग्न्याशय के लिए फायदेमंद हो सकती हैं। लहसुन पैंक्रियाज के लिए बहुत अच्छा हो सकता है। इसमें एंटी इन्फ्लेमेटरी गुण होते हैं
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