Mar 18, 2024

जानिए क्यों हिरण की नाभि तक खा जाते थे मुगल, रह जाएंगे दंग

Suneet Singh

मुगल हरम

मुगल बादशाह अपने विलासिता के लिए भी खूब चर्चित थे। शायद ही कोई ऐसा बादशाह हो जिसके हरम में सैकड़ों रानियां ना हों।

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बने रहना चाहते थे जवान

ये बादशाह हमेशा जवान बने रहने और मर्दाना ताकत बढ़ाने के लिए कई तरह की चीजें खाते थे।

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किताब में जिक्र

अपनी किताब 'महाराजा' में दीवान जरमनी दास ने भारत के कई राजाओं के निजी जीवन के बारे में विस्तार से लिखा है।

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उबला गोश्त

बताया गया है कि एक मुग़ल बादशाह तो रोज़ कई किलो उबला गोश्त खाता था। पान में संखिया की भस्म भी मिलाकर खा जाता।

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मगरमच्छ और हिरण की नाभि

कुछ मुगल बादशाह मगरमच्छ की नाभि और कस्तूरी तक खा लेते थे। काले हिरण की नाभि को मर्दाना ताकत बढ़ाने वाला बताया गया है।

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खरगोश का मांस

मुगल बादशाहों द्वारा जंगली खरगोश का मांस भी खाया जाता था।

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इंद्रगोप कीड़ा

अपनी यौन शक्ति बढ़ाने के लिए कुछ मुगल बादशाह इंद्रगोप नाम का कीड़ा भी खाते थे। बता दें कि इंद्रगोप कीड़ा आज भी परचून की दुकानों पर मिलता है।

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दूसरे राजा भी नहीं थे पीछे

मुगलों के अलावा दूसरे नवाब और राजा भी ऐसी बातों में पीछे नहीं थे।

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कुछ भी करने को थे तैयार

​पटियाला के महाराजा भूपिंदर सिंह कई तरह की शक्तिवर्धक दवाएं लेते थे। तीतर-बटेर का मांस खाते थे। वो बढ़ती उम्र में भी ताकत बनाए रखने का हर जतन करते थे।​

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