हर मां बेटे को सिखाएं प्रभु राम के जीवन से 5 बातें, मर्यादा पुरुषोत्‍त्‍म बनेगा आपका लल्‍ला

Oct 31, 2024

Avni Bagrola

​दिवाली की कहानी​

हर साल कार्तिक मास की अमावस्या तिथि पर दिवाली मनाई जाती है। दिवाली के दिन ही प्रभु श्री राम और सीता माता 14 साल के वनवास के बाद अयोध्या लौटे थे।

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​बुराई पर अच्छाई की जीत​

दिवाली के त्यौहार को बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक माना जाता है। वहीं इस दिन को नई शुरुआत का भी प्रतीक मानते हैं।

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​प्रभु राम से सीखें​

पिता के कहने पर प्रभु श्री राम ने 14 बरस का वनवास भी खुशी खुशी काट दिया था। बेशक ही हर किसी को राम जी के जीवन से ये गुण सीखने ही चाहिेए।

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​बच्चों को सिखाएं​

हर मां-बाप को इस दिवाली जरूर ही अपने बच्चों को राम जी जैसा बनने की सीख देनी चाहिए।

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​माफ करने की शक्ति​

बच्चों में माफ करने की शक्ति तो सबके साथ अच्छा व्यवहार करने के गुण जरूर होनी चाहिए।

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​कर्तव्य​

पिता के प्रति एक अच्छे बेटे का कर्तव्य पूरा करने के लिए राम जी ने बिना कोई सवाल पूछे वनवास स्वीकारा था।

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​शांत स्वभाव​

राजा राम का शांत स्वभाव और सकारात्मक व्यक्तित्व भी बच्चों में होना चाहिए।

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​मर्यादा का मान​

मर्यादा पुरुषोत्तम श्री राम को देख आपके बच्चों में भी मर्यादाओं का पालन करना आना चाहिए।

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​निष्छल प्रेम​

परिवार, पत्नी तो भक्तों से श्री राम निष्छल प्रेम करते थे।

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