Jun 23, 2024
Shayari: बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने, किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है
Suneet Singhगुनगुनाती हुई आती हैं फ़लक से बूंदें, कोई बदली तिरी पाज़ेब से टकराई है।
- कतील शिफाई
अफसर से खुलवाता था नाड़ाओस से प्यास कहाँ बुझती है, मूसला-धार बरस मेरी जान।
- राजेंद्र मनचंदा बानी
कच्चे मकान जितने थे बारिश में बह गए, वर्ना जो मेरा दुख था वो दुख उम्र भर का था।
- अख्तर होशियारपुरी
बरसात के आते ही तौबा न रही बाक़ी, बादल जो नज़र आए बदली मेरी नीयत भी।
- हसरत मोहानी
दूर तक छाए थे बादल और कहीं साया न था, इस तरह बरसात का मौसम कभी आया न था।
- कतील शिफाई
मैं वो सहरा जिसे पानी की हवस ले डूबी, तू वो बादल जो कभी टूट के बरसा ही नहीं।
- सुल्तान अख्तर
हम तो समझे थे कि बरसात में बरसेगी शराब, आई बरसात तो बरसात ने दिल तोड़ दिया।
- सुदर्शन फाकिर
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने, किस राह से बचना है किस छत को भिगोना है।
निदा फाजली
टूट पड़ती थीं घटाएं जिन की आंखें देख कर, वो भरी बरसात में तरसे हैं पानी के लिए।
- सज्जाद बाकर रिज़वी
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