Jun 6, 2024

'जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं..', किसी का भी दिन बना देंगे जिगर मुरादाबादी के ये 10 शेर

Suneet Singh

हम ने सीने से लगाया दिल न अपना बन सका, मुस्कुरा कर तुम ने देखा दिल तुम्हारा हो गया।

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Hema Malini Parenting Tips

हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं, हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं।

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जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं, वही दुनिया बदलते जा रहे हैं।

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ये इश्क़ नहीं आसां इतना ही समझ लीजे, इक आग का दरिया है और डूब के जाना है।

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तेरी आंखों का कुछ क़ुसूर नहीं, हां मुझी को ख़राब होना था।

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उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें, मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहां तक पहुंचे।

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तिरे जमाल की तस्वीर खींच दूं लेकिन, ज़बां में आंख नहीं आंख में ज़बान नहीं।

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अपना ज़माना आप बनाते हैं अहल-ए-दिल, हम वो नहीं कि जिन को ज़माना बना गया।

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इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा, आदमी काम का नहीं होता।

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यूं ज़िंदगी गुज़ार रहा हूं तिरे बग़ैर, जैसे कोई गुनाह किए जा रहा हूं मैं।

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