Apr 16, 2025

जावेद अख्तर के 10 मशहूर शेर: कभी जो ख़्वाब था वो पा लिया है, मगर जो खो गई वो चीज़ क्या थी

Suneet Singh

​थीं सजी हसरतें दुकानों पर, ज़िंदगी के अजीब मेले थे​

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​मुझे मायूस भी करती नहीं है, यही आदत तिरी अच्छी नहीं है​

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​तब हम दोनों वक़्त चुरा कर लाते थे, अब मिलते हैं जब भी फ़ुर्सत होती है​

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​जिधर जाते हैं सब जाना उधर अच्छा नहीं लगता, मुझे पामाल रस्तों का सफ़र अच्छा नहीं लगता​

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​याद उसे भी एक अधूरा अफ़्साना तो होगा, कल रस्ते में उस ने हम को पहचाना तो होगा​

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​इस शहर में जीने के अंदाज़ निराले हैं, होंटों पे लतीफ़े हैं आवाज़ में छाले हैं​

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​उस के बंदों को देख कर कहिए, हम को उम्मीद क्या ख़ुदा से रहे​

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​हमारे शौक़ की ये इंतिहा थी, क़दम रक्खा कि मंज़िल रास्ता थी​

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