Dec 12, 2023
कांजीवरम साड़ियां दक्षिण भारत की एक प्रसिद्ध हस्तशिल्प विरासत हैं। कांजीवरम तमिलनाडु के एक छोटे से कस्बे का नाम है जहां ये साड़ियां सदियों से बुनी जा रही हैं।
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कांजीवरम साड़ी आपको बाजार में 500 रूपये से लेकर लाख रुपये तक मिल सकती है। ऐसे में जिन्हें कांजीवरम फेब्रिक की सही पहचान नहीं होती, वो महंगे दाम पर नकली कांजीवरम फेब्रिक खरीद लाते हैं।
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बाजार में कांजीवरम की इतनी नकली कॉपियां मौजूद हैं कि असली की पहचान कर पाना जरा मुश्किल है, लेकिन कुछ बातों का ध्यान रखकर आप आसानी से असली कांजीवरम साड़ी खरीद सकते हैं।
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असली कांजीवरम साड़ी भारी नहीं होती है क्योंकि इसे बनाने में अधिकतर शुद्ध सिल्क का प्रयोग किया जाता है। नकली साड़ियों में मिश्रित सिल्क का इस्तेमाल होता है जिससे वे भारी हो जाती हैं।
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असली कांजीवरम साड़ियों में रेशमी धागे का इस्तेमाल होता है जो बहुत ही महीन, मजबूत और चमकीले होते हैं। वहीं, नकली साड़ियों में सस्ते और घटिया क्वालिटी के धागे लगे होते हैं, जो आसानी से टूट जाते हैं।
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आप असली कांजीवरम साड़ी की एक धागे को जलाएं और देखें की वह राख बन रही है कि नहीं, साथ ही उससे दुर्गंध आ रही है कि नहीं। अगर जलाने के बाद राख न बने तो जान लें कि यह नकली कांजीवरम है।
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असली कांजीवरम साड़ी की पहचान के लिए सबसे सटीक तरीका है कि उसके पल्लू या डिजाइन वाले हिस्से को उलटकर देखें। अगर आपको डिजाइन की दूसरी तरफ धागे दिखाई दे रहे हैं, तो यह असली है।
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कांजीवरम साड़ियों में आमतौर पर बड़े डिजाइन और परंपरागत पैटर्न होते हैं। इन डिजाइनों में सिल्क पर हाथ से की गई बारीक कढ़ाई दिखती है।
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अगर आपको कही पर भी कांजीवरम साड़ी बहुत ही सस्ती मिल रही है, तो आपको सतर्क रहना चाहिए। अधिकतर असली कांजीवरम साड़ियां महंगी ही होती हैं और धुलाई के बाद भई उनकी चमक कम नहीं होती ।
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