Dec 10, 2022

होटल को कैसे मिलती है फाइव स्टार रेटिंग, जानिए पूरी प्रोसेस

Medha Chawla

पहली चॉइस फाइव स्टार होटल

फाइव स्टार होटल में रहना कई लोगों का सपना होता है। वहीं, कोई लोग की पहली चॉइस होती है।

Credit: istock

कमेटी देती है रेटिंग

पर्यटन मंत्रालय के अधीन होटल एंड रेस्टोरेंट अप्रूवल एंड क्लासिफिकशन कमेटी होटलों को रेटिंग देती है। इसके दो विंग- एक से तीन स्टार और दूसरा चार से पांच स्टार रेटिंग।

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दौरा करती है टीम

होटल द्वारा अप्लाई करने के बाद टीम होटल में जाकर दौरा करती है। होटल की सर्विस, साफ-सफाई, कमरे का साइज और दूसरे एसेसरीज शामिल होती है।

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बाथरूम का साइज

फाइव स्टार होटल में पूरी प्रॉपर्टी को एयर कंडिशनिंग होना चाहिए। इसके अलावा बाथरूम का साइज लगभग 4.1 स्क्वायर मीटर से कम नहीं होना चाहिए।

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200 स्क्वायर फीट कमरा

फाइव स्टार होटल के कमरे का सबसे कम साइज लगभग 200 स्क्वायर फीट होने चाहिए।

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स्विमिंग पूल

फाइव स्टार होटल में इसके अलावा रेस्टोरेंट, स्वीमिंग पूल, स्पा जैसी कई सर्विस भी होती है।

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लॉबी, कॉन्फ्रेंस हॉल

फाइव स्टार को रेटिंग देते वक्त पब्लिक एरिया, लॉबी, कॉन्फ्रेंस हॉल, हेल्थ सेंटर को भी ध्यान में रखा जाता है।

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वन और टू स्टार होटल

वन स्टार होटल में सिंपल रहने की व्यवस्था होती है। वहीं, टू स्टार होटल में दिन का किराया लगभग 1500 रुपए तक होता है।

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थ्री और फोर स्टार होटल

थ्री स्टार होटल में किराया दो हजार रुपए तक होता है। वहीं, फोर स्टार में सुईट रूम होते हैं। इसके अलावा कई सुख सुविधा होती है।

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