May 15, 2024

'कश्ती मिरी डुबोई है साहिल के आस-पास..', पढ़ें हसरत मोहानी के 10 बेस्ट शेर

Suneet Singh

याद

नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती, मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं।

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ख्याल

आईने में वो देख रहे थे बहार-ए-हुस्न, आया मिरा ख़याल तो शर्मा के रह गए।

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Kahani Lahore Ki

तस्वीर

कहने को तो मैं भूल गया हूँ मगर ऐ यार, है ख़ाना-ए-दिल में तिरी तस्वीर अभी तक।

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असर

देखने आए थे वो अपनी मोहब्बत का असर, कहने को ये है कि आए हैं अयादत कर के।

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हक

ऐसे बिगड़े कि फिर जफ़ा भी न की, दुश्मनी का भी हक़ अदा न हुआ।

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दर्द

और तो पास मिरे हिज्र में क्या रक्खा है, इक तिरे दर्द को पहलू में छुपा रक्खा है।

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इश्क

मिरा इश्क़ भी ख़ुद-ग़रज़ हो चला है, तिरे हुस्न को बेवफ़ा कहते कहते।

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दावा

मुझ को देखो मिरे मरने की तमन्ना देखो, फिर भी है तुम को मसीहाई का दा'वा देखो।

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कश्ती

उस ना-ख़ुदा के ज़ुल्म ओ सितम हाए क्या करूं, कश्ती मिरी डुबोई है साहिल के आस-पास।

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