Jun 7, 2024

हसरत मोहानी की शायरी: नहीं आती तो याद उनकी महीनों तक नहीं आती, मगर जब याद आते हैं तो..

Suneet Singh

चुपके चुपके रात दिन आंसू बहाना याद है, हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है।

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BK Shivani Motivational Quotes

न हो अभी मगर आख़िर तो क़द्र होगी मिरी, खुलेगा हाल-ए-ग़ुलाम आप पर ग़ुलाम के बा'द।

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बहारें हम को भूलीं याद इतना है कि गुलशन में, गरेबां चाक करने का भी इक हंगाम आया था।

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है वहाँ शान-ए-तग़ाफ़ुल को जफ़ा से भी गुरेज़, इल्तिफ़ात-ए-निगह-ए-यार कहाँ से लाऊँ।

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भूली नहीं दिल को तिरी दुज़दीदा-निगाही, पहलू में है कुछ कुछ ख़लिश-ए-तीर अभी तक।

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'हसरत' जो सुन रहे हैं वो अहल-ए-वफ़ा का हाल, इस में भी कुछ फ़रेब तिरी दास्ताँ के हैं ।

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लगा कर आँख इस जान-ए-जहाँ से, न होगा अब किसी से आश्ना दिल।

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नहीं आती तो याद उन की महीनों तक नहीं आती, मगर जब याद आते हैं तो अक्सर याद आते हैं।

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चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है, हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है।

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