Jun 5, 2024
'तुम्हें है शर्म तो आंखों पे हाथ धर लेना..', किसी का भी दिल जीत लेंगे दाग देहलवी के ये शेर
Suneet Singh
हज़ारों काम मोहब्बत में हैं मज़े के 'दाग़', जो लोग कुछ नहीं करते कमाल करते हैं।
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भारत में कहां से आया फालूदा
मिलाते हो उसी को खाक में जो दिल से मिलता है, मिरी जाँ चाहने वाला बड़ी मुश्किल से मिलता है।
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वफ़ा करेंगे निबाहेंगे बात मानेंगे, तुम्हें भी याद है कुछ ये कलाम किस का था।
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सब लोग जिधर वो हैं उधर देख रहे हैं, हम देखने वालों की नज़र देख रहे हैं।
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हमें है शौक़ कि बे-पर्दा तुम को देखेंगे, तुम्हें है शर्म तो आँखों पे हाथ धर लेना।
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शब-ए-विसाल है गुल कर दो इन चराग़ों को, ख़ुशी की बज़्म में क्या काम जलने वालों का।
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ग़ज़ब किया तिरे वअ'दे पे ए'तिबार किया, तमाम रात क़यामत का इंतिज़ार किया।
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लिपट जाते हैं वो बिजली के डर से, इलाही ये घटा दो दिन तो बरसे।
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ख़ूब पर्दा है कि चिलमन से लगे बैठे हैं, साफ़ छुपते भी नहीं सामने आते भी नहीं ।
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