Apr 10, 2024

'वो और थे जो हार गए आसमान से..', हौसला बुलंद कर देंगे ये 8 जबरदस्त शेर

Suneet Singh

मोटिवेशनल शायरी

शेर-ओ-शायरी यूं तो दिल बहलाने के लिए होती है। लेकिन कुछ शायरियां ऐसी भी हैं जो आपके हौसले को बुलंद बनाती हैं। आइए डालते हैं ऐसी ही कुछ शायरियों पर एख नजर:

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​जिगर मुरादाबादी​

हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं, हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं।

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​साहिर लुधियानवी​

हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें ,वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं।

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​बिस्मिल अज़ीमाबादी​

सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।

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​अल्लामा इक़बाल​

तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा,तिरे सामने आसमाँ और भी हैं।

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​जिगर मुरादाबादी​

जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं, वही दुनिया बदलते जा रहे हैं।

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आल-ए-अहमद सुरूर​

साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन,तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है।

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​अकबर इलाहाबादी​

लोग कहते हैं बदलता है ज़माना सब को,मर्द वो हैं जो ज़माने को बदल देते हैं।

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​फ़हीम जोगापुरी​

वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से, वो और थे जो हार गए आसमान से।

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