Apr 10, 2024
शेर-ओ-शायरी यूं तो दिल बहलाने के लिए होती है। लेकिन कुछ शायरियां ऐसी भी हैं जो आपके हौसले को बुलंद बनाती हैं। आइए डालते हैं ऐसी ही कुछ शायरियों पर एख नजर:
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हम को मिटा सके ये ज़माने में दम नहीं, हम से ज़माना ख़ुद है ज़माने से हम नहीं।
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हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें ,वो फूल खिल के रहेंगे जो खिलने वाले हैं।
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सरफ़रोशी की तमन्ना अब हमारे दिल में है,देखना है ज़ोर कितना बाज़ू-ए-क़ातिल में है।
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तू शाहीं है परवाज़ है काम तेरा,तिरे सामने आसमाँ और भी हैं।
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जो तूफ़ानों में पलते जा रहे हैं, वही दुनिया बदलते जा रहे हैं।
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साहिल के सुकूँ से किसे इंकार है लेकिन,तूफ़ान से लड़ने में मज़ा और ही कुछ है।
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लोग कहते हैं बदलता है ज़माना सब को,मर्द वो हैं जो ज़माने को बदल देते हैं।
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वाक़िफ़ कहाँ ज़माना हमारी उड़ान से, वो और थे जो हार गए आसमान से।
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