Mar 23, 2023

BY: मेधा चावला

थाली छोड़ इस पत्ते पर शुरू करें खाना, माना जाता है सेहत का खजाना

दक्षिण भारत में है चलन

हमारे देश में जगह-जगह पर क्षेत्र के हिसाब से खाने के पात्रों को लेकर अनेक परंपराएं चलती हैं, वहीं केले के पत्ते पर भोजन करने का चलन दक्षिण भारत में देखने को मिलता है।

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माना गया है पूजनीय

केले को पवित्र पौधा माना गया है घरों में होने वाली सत्यनारायण कथा का मंडप भी केले को पत्तों से तैयार किया जाता है।

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वास्तु के अनुसार

मान्यता है कि घर के अंदर या घर के सामने केले का पौधा होने से घर के वास्तु दोष समाप्त होते हैं।

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​एंटीऑक्सीडेंट मौजूद

केले के पत्ते में अच्छी मात्रा में पॉलीफिनॉल नाम का एंटीऑक्सीडेंट पाया जाता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए लाभदायक होता है।​

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प्लास्टिक का विकल्प

प्लास्टिक से बने बर्तनों में खाना हमारे स्वास्थ्य के लिए अच्छा नहीं होता है। जिसका एक हैल्दी विकल्प केले के पत्ते पर खाना है।

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ईको-फ्रेंडली

केले के पत्ते से बनीं प्लेट्स बहुत जल्द डिकम्पोज हो जाती है, जिससे हमारे पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान नहीं पहुंचता है।

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स्वच्छता भरपूर

केले के पत्ते पर खाना किसी भी और पात्र में खाने से ज्यादा अच्छा है क्योंकि इसमें एक बार खाने के बाद सीधा फेंक दिया जाता है।

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स्वास्थ्य लाभ

केले के पत्ते में पाया जाने वाला पॉलीफिनॉल एंजाइम पार्किंसन जैसी गंभीर बीमारी में भी लाभ करता है।

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पेट की बीमारियों में लाभ

केले के पत्ते के पर रखकर भोजन करने से गैस, एसिडिटी, कब्ज जैसी पेट से जुड़ी बीमारियां ठीक होती हैं।

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