Jun 2, 2024
'हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम..', आपका दिन बना देंगे अकबर इलाहाबादी के मशहूर शेर
Suneet Singhइश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद, अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता।
दुनिया में हूं दुनिया का तलबगार नहीं हूं, बाज़ार से गुज़रा हूं ख़रीदार नहीं हूं।
हया से सर झुका लेना अदा से मुस्कुरा देना, हसीनों को भी कितना सहल है बिजली गिरा देना।
जो कहा मैं ने कि प्यार आता है मुझ को तुम पर, हंस के कहने लगा और आप को आता क्या है।
मज़हबी बहस मैं ने की ही नहीं, फ़ालतू अक़्ल मुझ में थी ही नहीं।
पैदा हुआ वकील तो शैतान ने कहा, लो आज हम भी साहिब-ए-औलाद हो गए।
रहता है इबादत में हमें मौत का खटका, हम याद-ए-ख़ुदा करते हैं कर ले न ख़ुदा याद।
अकबर दबे नहीं किसी सुल्ताँ की फ़ौज से, लेकिन शहीद हो गए बीवी की नौज से।
हम आह भी करते हैं तो हो जाते हैं बदनाम, वो क़त्ल भी करते हैं तो चर्चा नहीं होता।
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